मुझमे ॐ तुझमे ॐ सब में ॐ समाया है ! सबसे कर लो प्रीत जगत में कोई नहीं पराया है !! सत्य सनातन धर्म की जय हो ! गौ माता की जय हो ! ॐ नमः पारवती पतये हर हर महादेव ॐ नमः शिवाय !
गुरु परंपरा
सनातन धर्म

श्री काशीधर्मपीठ वाराणसी में है। शंकराचार्य स्वामी श्री नारायणानंद तीर्थ महाराज स्वामी श्री अच्युतानन्द तीर्थ जी महाराज के शिष्य हैं | एवं स्वामी जी अस्सी काशी धर्म पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य हैं| परम पूज्य ब्रम्हलीन स्वामी श्री अच्युतानन्द तीर्थ जी महाराज रामेश्वरम मठ अस्सी और मुमुक्षु भवन अस्सी के संस्थापक हैं। स्वामी श्री नारायणानंद तीर्थ महाराज जी का लक्ष्य सनातन धर्म की सुंदरता को दुनिया भर में फैलाना है।

भारतीय संस्कृति के महामनीषी अनंत श्री विभूषित काशी धर्मपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज श्री के प्रमुख उद्देश्य
  1. भगवान् आदिशंकराचार्य और वाराणसी स्थित रामेश्वर मठ के आचार्यों के संदेशों का प्रचार करना
  2. प्राचीन संस्कृति धर्म दर्शन, योगागम, पर्यावरण तथा आध्यात्मिक चेतना के विकास हेतु भारत के विभिन्न राज्यों में सर्वविध सामाजिक कार्यक्रमों को क्रियान्वित करना।
  3. प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं वैदिक ज्ञान के प्रसार के लिये वेद की विभिन्न शाखाओं के पारम्परिक उच्चारण का संरक्षण, वेदों का अध्ययनाध्यापन, वेद भाष्यग्रन्थों का अनुशीलन, प्रचार करना तथा एतदर्थ विद्यालयों का संचालन करना।
  4. विद्याओं के संवाहक छात्रों के लिये निःशुल्क आवास, भोजन, वस्त्र, औषधि तथा अध्ययन सामग्री प्रदान करना।
  5. देश के भिन्न-भिन्न भागों में शीधर्मपीठ की प्रवृत्तियाँ चलाना तथा शाखायें (आश्रम) स्थापित कर संचालन करना ।
  6. संस्कृत वांगमय की अभिवृद्धि में सतत् संनद्ध विद्वानों को सम्मानित करना ।
  7. प्रस्तावित- वाराणसी (काशी) में अन्नक्षेत्र की स्थापना कर संचालन हेतु सहयोगियों को जाग्रत करना।
 
रामेश्वर मठ

अनन्त श्री विभूषित काशीधर्मपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री नारायणानन्द तीर्थ जी महाराज की गुरु परंपरा रामेश्वर मठ की गुरु परम्परा 200 वर्ष प्राचीन, पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य जी के आशीर्वाद से श्री काशीधर्मपीठ रामेश्वर मठ में वेद व उपनिषदों का संरक्षण व संवर्द्धन कर रहा। गंगा व असि नदी के तट पर स्थापित रामेश्वर मठ की गुरु-शिष्य परंपरा अनेक वर्ष पुरानी है। मठ के प्रबंधक आचार्य वरुणेश चन्द्र दीक्षित स्वयं ही वेद व उपनिषद् के ज्ञाता हैं । श्री दीक्षित बताते हैं कि मठ की स्थापना 1969 में हुई ,किन्तु मठ की गुरु परम्परा का मूल 200 वर्ष पुराना है। मठ महात्माओं के लिए तपस्थली और लाखों नर-नारियों की आस्था का केंद्र है। श्री मुमुक्षु भवन ईश्वर मठ के ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी ईश्वरानंदतीर्थ जी महाराज के सनातन संकल्पनानुसार गौ संवर्धन, सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार तथा वेदों के संरक्षण की दृष्टि से इस मठ की आधारशिला रखी गई। स्वामी ईश्वरानंद तीर्थ जी महाराज की परंपरा के दंडी संन्यासी शिष्य पूज्य स्वामी ब्रह्मविद्यानंद तीर्थ जी महाराज ने अपने सद्गुरु श्री स्वामी रामेश्वरानंद तीर्थ जी महाराज की गुरु-स्मृति में श्री रामेश्वर मठ की स्थापना की गई रामेश्वर मठ की परम्परा में स्वामी अच्युतानंदतीर्थ जी महाराज ने अपने एकमात्र दंडी संन्यासी शिष्य पूज्य स्वामी श्री नारायणानंद तीर्थ जी महाराज को अपना उत्तराधिकारी / कानूनी वारिश बनाया । कालांतर में ब्रम्हस्वरूप गुरुवर्य अनंत श्री विभूषित धर्म सम्राट पूज्य स्वामी हरिहरानंद सरस्वती (करपात्री) जी महाराजके कृपापात्र दंडी सन्यासी शिष्य परम पूज्य स्वामी सदानंद सरस्वती (वेदांती) जी महाराज ने श्री काशी विद्वत परिषद् के अध्यक्ष स्वर्गीय प्रो. रामप्रसाद त्रिपाठी जी एवम् महामंत्री डॉ. अखिलानंद शास्त्री जी तथा अनेक विद्वतजनों की अनुशंसा एवं उपस्थिति में काशी में श्री काशी धर्म पीठ की स्थापना कर श्रोत्रीय, ब्रम्हनिष्ठ परमपूज्य श्री स्वामी नारायणानंद तीर्थ जी महाराज को उक्त धर्म पीठ में अभिषिक्त कर भगवान आदिशंकराचार्य जी की परंपरा को गौरव प्रदान किया तब से लेकर आज तक श्री काशी धर्म पीठ रामेश्वर मठ की धर्मध्वजा को अनंत श्री विभूषित काशी धर्मपीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानंदतीर्थ जी महाराज अमृत कलश की तरह संभाल रहे हैं। पूज्य स्वामी नारायणानंदतीर्थ जी के शिष्यों की श्रृंखला में स्वामी दामोदरानंदतीर्थ, स्वामी पूणानंद तीर्थ . स्वामी ओंकारानंद तीर्थ, स्वामी भस्मानंद तीर्थ, स्वामी ओमानंद तीर्थ, स्वामी माधवानन्दतीर्थ तथा उत्तराधिकारी शिष्य लखनस्वरूप ब्रह्मचारी हैं। प्रायः अधिकांश प्रांतों में आश्रम की शाखाएं स्थापित कर भारतीय संस्कृति के संरक्षण एवं प्रचार प्रसार का कार्य प्रमुखता से किया जा रहा है तथा आदिवासी व गिरी वासी बंधुओं को स्वालंबन के संबल भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

श्री गुरु जी माँ अन्नपूर्णा के दरबार मैं
श्री गुरु जी माँ अन्नपूर्णा के दरबार मैं 
मां अन्नपूर्णा व बाबा विश्वनाथ मठ के इष्टदेव

श्री काशीधर्मपीठ रामेश्वर मठ के इष्टदेव मां भगवती अन्नपूर्णा व श्री काशी विश्वनाथ हैं, मठ में विराजमान मां भगवती अन्नपूर्णा व भगवान शंकर का पूजन एवं अभिषेक करते अनन्त श्री विभूषित काशीधर्मपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री नारायणानन्द तीर्थ जी महाराज।

वाराणसी ११ दिसंबर २०१९ समाचार मैं प्रकाशित 

...

news on math
वाराणसी ४ दिसंबर २०२१ समाचार मैं प्रकाशित 

...

यहां दान करें

Shri Kashi Dharmpeet Jankalyan Samitee

A/c No- 1868000100067177
IFSC Code - PUNB0186800

Panjab National Bank Branch Mahmoorganj Varanasi U.P. 

Maa Annapurna Dham
A/c No :- 37550537147

IFSC Code :- SBIN0010170
SBI Branch Lakhnadon Madhya Pradesh

Request Reciept for ITR 80G - F.S.A.A./Vara/62/80G Registration No. 14&09/12-13, 776AB/Dt. 24/06/2013